जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के निजी स्कूल संचालक केवल ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे। कई बार मौखिक निर्देशों के बावजूद शिकायतें मिलने पर प्रदेश सरकार ने बुधवार शाम को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। संयुक्त सचिव (शिक्षा) वेद प्रकाश ने इसकी पुष्टि की है। कोई भी स्कूल फीस जमा नहीं करवाने वाले विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम नहीं रोकेगा। न ही अभिभावकों को फीस जमा करवाने के लिए संदेश भेजे जाएंगे।
इससे पहले दिन में उच्चतर शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में जिला शिमला निजी स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक हुई थी। इसमें भी केवल ट्यूशन फीस लेने पर सहमति बनी थी। बैठक में 23 स्कूलों के प्रधानाचार्य और प्रबंधकों ने भाग लिया। बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली। पूर्व में शिक्षा निदेशक के साथ हुई बैठक के बाद स्कूलों ने जो कार्य किया, इसकी भी रिपोर्ट तलब की गई। हालांकि कुछ स्कूलों की ओर से बताया गया कि कुछ अभिभावकों ने मार्च से लेकर दिसंबर तक की ट्यूशन फीस भी जमा नहीं करवाई है। ऐसे में स्टाफ को वेतन देने में दिक्कत हो रही है। हालांकि जो अभिभावक पूरी फीस जमा करवा चुके हैं, उनकी फीस का समायोजन किया जाएगा या पैसे वापस मिलेंगे, इस पर फैसला नहीं हो पाया।
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12 फरवरी तक बंद रहेंगे स्कूल, ऑनलाइन जारी रहेगी पढ़ाई
कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 12 फरवरी तक के लिए बंद कर दिया है। पिछले सप्ताह प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया था। बुधवार को शिक्षा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। निदेशक उच्चतर शिक्षा डा. अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है।
विभाग ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। शिक्षा निदेशक ने बताया कि मार्च से प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। स्कूल प्रधानाचार्य ऑनलाइन पढ़ाई की निगरानी कर रहे हैं। यदि किसी बच्चे को पढ़ाई में दिक्कत आती है तो वह संबंधित शिक्षक को फोन कर सकते हैं।