शैक्षणिक सत्र 2020-21 कोरोना संकट की भेंट चढ़ गया। मार्च 2020 से हिमाचल में स्कूल और कॉलेज बंद किए गए हैं। फरवरी 2021 तक सरकार ने शिक्षण संस्थानों को एहतियात बरतते हुए बंद रखने का फैसला लिया है। कोरोना
वायरस के चलते शैक्षणिक सत्र शून्य न रहे, इसके लिए सरकार ने पहली बार ऑनलाइन पढ़ाई करवाने का फैसला लिया। इस संकट की घड़ी में घरों में कैद हो कर रह गए विद्यार्थियों की पढ़ाई को सुचारु बनाए रखने के लिए किया गया ट्रायल काफी हद तक सफल साबित हुआ है। विद्यार्थियों को घर बैठे इस साल शिक्षकों ने व्हाट्सएप, दूरदर्शन, रेडियो के माध्यम से पढ़ाई करवाई है। स्कूलों में परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही ली गई हैं।ऑनलाइन पढ़ाई के अलावा साल 2020 निजी स्कूलों की फीस को लेकर भी चर्चा में रहा। निजी स्कूलों की फीस को लेकर अभिभावकों और निजी स्कूल प्रबंधकों में विवाद अभी भी जारी है। जून 2020 में सरकार ने स्कूलों के बंद होने के चलते सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने के निजी स्कूलों को निर्देश दिए थे। अक्तूबर में सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया था। मामला प्रदेश हाईकोर्ट तक पहुंचा। निजी स्कूलों की ओर से शिक्षण संस्थान बंद रहने के बावजूद अभिभावकों से पूरी फीस मांगने को लेकर प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन भी हुए।