रामपुर बुशहर। सीपीएड शारीरिक शिक्षकों ने प्रदेश की जयराम सरकार पर अनदेखी कर उनके भविष्य को अंधकार में डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार से समय-समय पर दिए गए आश्वासनों को लेकर रोष जताया है।
सीपीएड शारीरिक शिक्षक ब्रिज मारकंडे, संदीप कुमार, रोहित बसंल, भूटा सिंह, रिचा, संत राम, तीर्थ राम, ओम प्रकाश, लायक राम, पवन कुमार, गंगा राम, उत्तम सिंह, ताबे राम, आशा नेगी, छेरिंग डोल्मा, अनिता राज सहित अन्य शिक्षकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ कड़ा रोष जताते हुए कहा कि जिन्होंने प्रदेश से प्रशिक्षण लिया है, उन्हें ही सरकार सबसे पहले नौकरी दे। ऐसे प्रशिक्षण केंद्र बंद होने चाहिए, जहां लोगों को खाली प्रशिक्षण ही दिया जाता है और नौकरियों के लिए उन्हें कोर्ट के चक्कर और राजनेताओं के पीछे भागना पड़ता है, जबकि शारीरिक शिक्षा को शिक्षा का मुख्य अंग माना जाता है। शारीरिक शिक्षक बच्चों का मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक और सर्वांगीण विकास करवाता है। उन्होंने कहा कि बिना शारीरिक शिक्षकों के बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव नहीं हैं। सरकार को चाहिए कि शारीरिक शिक्षा बच्चों को प्राइमरी स्तर से ही लागू किया जाए। प्राथमिक स्तर से ही शारीरिक शिक्षक का होना अनिवार्य हो। उन्होंने सरकार से जवाब मांगा कि आरएंडपी रूल्स आगे के लिए लागू होते हैं या फिर पीछे के लिए, ठीक है यदि आरएंडपी रूल्स लागू करना है तो सब पर कीजिए। आज से 10 साल पहले जो अपने चहेतों को बैक डोर के माध्यम से शारीरिक शिक्षकों को नौकरियां दी गई थी। उन्होंने कहा कि शिक्षक हितैषी बनने वाली प्रदेश की जयराम सरकार का 4-5 हजार शारीरिक शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा का क्या हुआ। बीते चार साल से प्रदेश सरकार सीपीएड शारीरिक शिक्षकों की अनदेखी कर रही है। शारीरिक शिक्षकों ने चेताया कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को जल्द से जल्द नहीं मानती तो वे विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।