बिलासपुर। सूबे के 605 शिक्षक प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी
वित्तीय लाभ से महरूम हैं। हालांकि सरकार ने भी माना है कि 605 सेवानिवृत्त
शिक्षकों को इसका लाभ मिलना चाहिए। मगर तमाम प्रयासों और कोर्ट के आदेशों
के बाद भी शिक्षकों को यह लाभ नहीं मिल रहे हैं।
605 शिक्षकों में अकेले 45 शिक्षक बिलासपुर जिला से संबंध रखते हैं। प्रदेश हाईकोर्ट ने सीडब्ल्यूपी नंबर-4249/2008 10 अप्रैल 2009 और सीडब्ल्यूपी नंबर 110/ 1997 दिनांक 21-11-2013, सीडब्ल्यूपी नंबर-8172/2013
दिनांक 25-10-2013 और सीडब्ल्यूपी नंबर 6840/ 2013 दिनांक 21-11-2013 और अन्य उच्च न्यायालय में दाखिल मामलों के आधार पर फैसला सुनाया था। इसमें प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय हिमाचल प्रदेश को सभी शिक्षकों को वित्तीय लाभ देने के आदेश दिए गए थे। मगर प्रदेश सरकार ने इसके बावजूद इस संबंध में कोई उचित कार्यवाही अमल में नहीं लाई है। मगर वरिष्ठता सूची में इनका नाम न होने से शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिला। इस वजह से इन्हें वित्तीय लाभ का भी नुकसान उठाना पड़ा। इसी मामले में शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर वित्तय लाभ देने के हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए थे।
शिक्षा विभाग भी मान चुका है इनकी वरिष्ठता
शिक्षा विभाग के पत्र संख्या नंबर-शिक्षा-प्री-बीएलएस-3/91 ईएसटीटी-11-3412-35 दिनांक 18-10-1991 को शिक्षा विभाग ने इन अध्यापकों की वरिष्ठता को माना था। अब जब हाईकोर्ट के आदेश होने के बावजूद इन अध्यापकों को पत्र संख्या नंबर ईडीएन-सी-बी (15)-20/2013 दिनांक 30-5-2016 को विभाग ने कहा कि इन शिक्षकों को पुराने सारे लाभ दिए जाएंगे। मगर आज तक इसका लाभ उन्हें नहीं मिला।
जिला के इन शिक्षकों को नहीं मिला लाभ
बिलासपुर के मनसा राम, स्वर्ण सिंह, रूपलाल, राम सिंह, रामानंद, भगवान दास, कृष्ण दत्त, अनंत राम चंदेल, धनीराम, रामदास, ज्ञान चंद शर्मा, मनसा राम, लेखराम, हरिराम, विनोद प्रभा, प्रेम सिंह, कृष्ण दयाल शर्मा, नंद सिंह, बालक राम, कृष्णु राम, पूर्ण राम, अनंत राम, सीताराम, करतार सिंह, मस्तराम, वेद प्रकाश, मदनलाल, दिलाराम, इंद्र देव शर्मा, नसी राम, लेखराम, अमर सिंह, बुद्धि सिंह, कृष्णु राम, विमला देवी, ब्रह्मानंद, कमलावती, परमानंद, हरिशरण, कर्म सिंह, कमला कुमार, अमर सिंह और भान चंद आदि शामिल है। शिक्षकों ने सीएम से मांग की है कि हाईकोर्ट के आदेशों अनुसार उन्हें सभी लाभ दिए जाएं।
605 शिक्षकों में अकेले 45 शिक्षक बिलासपुर जिला से संबंध रखते हैं। प्रदेश हाईकोर्ट ने सीडब्ल्यूपी नंबर-4249/2008 10 अप्रैल 2009 और सीडब्ल्यूपी नंबर 110/ 1997 दिनांक 21-11-2013, सीडब्ल्यूपी नंबर-8172/2013
दिनांक 25-10-2013 और सीडब्ल्यूपी नंबर 6840/ 2013 दिनांक 21-11-2013 और अन्य उच्च न्यायालय में दाखिल मामलों के आधार पर फैसला सुनाया था। इसमें प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय हिमाचल प्रदेश को सभी शिक्षकों को वित्तीय लाभ देने के आदेश दिए गए थे। मगर प्रदेश सरकार ने इसके बावजूद इस संबंध में कोई उचित कार्यवाही अमल में नहीं लाई है। मगर वरिष्ठता सूची में इनका नाम न होने से शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिला। इस वजह से इन्हें वित्तीय लाभ का भी नुकसान उठाना पड़ा। इसी मामले में शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर वित्तय लाभ देने के हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए थे।
शिक्षा विभाग भी मान चुका है इनकी वरिष्ठता
शिक्षा विभाग के पत्र संख्या नंबर-शिक्षा-प्री-बीएलएस-3/91 ईएसटीटी-11-3412-35 दिनांक 18-10-1991 को शिक्षा विभाग ने इन अध्यापकों की वरिष्ठता को माना था। अब जब हाईकोर्ट के आदेश होने के बावजूद इन अध्यापकों को पत्र संख्या नंबर ईडीएन-सी-बी (15)-20/2013 दिनांक 30-5-2016 को विभाग ने कहा कि इन शिक्षकों को पुराने सारे लाभ दिए जाएंगे। मगर आज तक इसका लाभ उन्हें नहीं मिला।
जिला के इन शिक्षकों को नहीं मिला लाभ
बिलासपुर के मनसा राम, स्वर्ण सिंह, रूपलाल, राम सिंह, रामानंद, भगवान दास, कृष्ण दत्त, अनंत राम चंदेल, धनीराम, रामदास, ज्ञान चंद शर्मा, मनसा राम, लेखराम, हरिराम, विनोद प्रभा, प्रेम सिंह, कृष्ण दयाल शर्मा, नंद सिंह, बालक राम, कृष्णु राम, पूर्ण राम, अनंत राम, सीताराम, करतार सिंह, मस्तराम, वेद प्रकाश, मदनलाल, दिलाराम, इंद्र देव शर्मा, नसी राम, लेखराम, अमर सिंह, बुद्धि सिंह, कृष्णु राम, विमला देवी, ब्रह्मानंद, कमलावती, परमानंद, हरिशरण, कर्म सिंह, कमला कुमार, अमर सिंह और भान चंद आदि शामिल है। शिक्षकों ने सीएम से मांग की है कि हाईकोर्ट के आदेशों अनुसार उन्हें सभी लाभ दिए जाएं।