शिमला (Shimla) . हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)विधानसभा में सत्र के 13वें दिन बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने विधानसभा का घेराव किया. संघ के सदस्यों ने विधानसभा चौक तक रैली निकाली. प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षकों ने आरोप लगाया कि ट्रैनिंग कर एक दशक से ज्यादा समय बीत गया, लेकिन सरकार रोजगार नहीं दे पाई है.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सरकार अगर रोजगार नहीं दे सकती तो हमारी डिग्रियां-डिप्लोमा ले जाएं और उसके बदले में जहर दे दे. बेरोजगार कला अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने साल 2005 से 2009 तक एससीवीटी के माध्यम से कला अध्यापक का प्रशिक्षण करवाया, ताकि रोजगार प्राप्त हो सके, लेकिन प्रशिक्षण के बाद अब तक कोई रोजगार नहीं मिला है.
करीब 5 हजार प्रशिक्षण प्राप्त लोग पिछले 14-15 साल से रोजगार के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई लोगों की उम्र भी बढ़ गई है जिसके चलते वो चयन प्रकिया से बाहर हो सकते हैं, इसलिए समय पर भर्ती करनी होगी. साथ ही कहा कि सरकार छात्रों के साथ खिलवाड़ कर रही है. मांगें पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दी है. कला विषय को पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक अनिवार्य किया जाए. बच्चों को एक समान शिक्षा दी जाए. मिडिल स्कूलों में 100 बच्चों की संख्या वाली शर्त को समाप्त किया जाए. जिस तरह से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कला को जरूरी विषय माना गया है, राज्य सरकार (State government) उस पर अमल करे. हर साल कला अध्यापकों की भर्ती की जाए.