हिमाचल सरकार ने शिक्षा विभाग में टर्म सिस्टम खत्म करने तथा कंप्यूटर और SMC टीचरों को लेकर 2 बड़े फैसले लिए हैं। सरकार ने इसे लेकर बुधवार देर शाम आदेश भी जारी कर दिए।
शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री सुक्खू से हरी झंडी मिलने के बाद 10वीं और 12वीं कक्षा में टर्म सिस्टम खत्म कर दिया। इसके साथ ही एनुअल सिस्टम लागू हो गया है, जिसके तहत बोर्ड परीक्षाएं अब साल में एक बार ली जाएंगी। सरकार ने टर्म सिस्टम को काफी मंथन के बाद खत्म किया है।
वहीं इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि टर्म सिस्टम की वजह से बच्चों का सिलेबस पूरा नहीं हो पाता था। एक शैक्षणिक सत्र में 2 बार पेपर करवाने की वजह से बच्चों को रिविजन के लिए समय नहीं मिल पाता। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी
राज्य
के सरकारी स्कूलों में तैनात SMC और कंप्यूटर शिक्षकों के विवाद को
सुलझाने के लिए सुक्खू सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी गठित की है। शिक्षा
मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी में पंचायतीराज
मंत्री अनिरुद्ध सिंह, PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह को सदस्य तथा शिक्षा
सचिव को मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया है।
हिमाचल में कंप्यूटर टीचर साल 2000 से निजी कंपनी के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं। SMC टीचर भी 10-12 साल से स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन इनका भविष्य आज भी सुरक्षित नहीं हो पाया। इसे देखते हुए पिछली कैबिनेट बैठक में मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित करने की मंजूरी दी गई थी, जिसे लेकर बुधवार देर शाम आदेश जारी किए गए।

कल NCTE के साथ मीटिंग
हिमाचल
में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (NTT) की भर्ती शुरू करने का मामला कल दिल्ली
में होने वाली NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) की मीटिंग में उठाया
जाएगा। इसके लिए राज्य के समग्र शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर
राजेश शर्मा आज दिल्ली रवाना होंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में 4 सालों से NTT की भर्ती लटकी हुई है, क्योंकि NCTE ने NTT के लिए 2 वर्षीय डिप्लोमा की शर्त लगाई है, जबकि राज्य में NTT प्रशिक्षित बेरोजगारों ने एक वर्षीय डिप्लोमा कर रखा है।