शिक्षा निदेशालय में डेपुटेशन पर डटे स्कूल प्रिंसीपल को लेकर सरकार ने शुरू में बेशक बड़ा हल्ला किया हो, लेकिन आखिरी रिजल्ट कुछ खास नहीं निकलता हुआ दिख रहा है। सरकार ने निदेशालय में डेपुटेशन पर डटे इन
शिक्षकों का डेपुटेशन रद्द कर दिया था, लेकिन कुछ दिन के बाद शुक्रवार को फिर दोबारा से डेपुटेशन दे दिया। शिक्षा सचिव की ओर से छह स्कूल प्रिंसीपल को ऑर्डर हुए हैं। सभी महिलाएं हैं। इन्हें सरकार ने पहले निदेशालय का डेपुटेशन रद्द कर स्कूलों में भेजा था, लेकिन अब उस ट्रांसफर ऑर्डर को रद्द कर इन्हें फिर से शिमला शहर में ही डेपुटेशन दिया गया है। हालांकि शिमला शहर के ही स्कूलों में एक सब्जेक्ट पढ़ाने के लिए भी इनकी ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि पिछली सरकार का डेपुटेशन रद्द कर सरकार ने खुद भी डेपुटेशन ही दे दिया है।
इस कारण इस फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं।
माया चौहान को पौरिया स्कूल में प्रिंसीपल भेजा गया था, अब इन्हें हर
एजुकेशन निदेशालय में ही डेपुटेशन दिया गया है और लालपानी में फिजिक्स
पढ़ाने को कहा है। मंजुला ठाकुर को बौर स्कूल में प्रिंसीपल भेजा गया था,
लेकिन इन्हें भी अब निदेशालय में ही रखा गया है और लक्कड़ बाजार में साइंस
पढ़ाने की ड्यूटी दी है। मंजुला शर्मा को सीनियर सेकेंडरी स्कूल पेखा
ट्रांसफर किया गया था, लेकिन अब इन्हें भी हायर एजुकेशन निदेशालय में
डेपुटेशन दी गई है और संजौली स्कूल में इंग्लिश पढ़ाने को कहा है। सारिका
आहूजा को जोखार स्कूल में प्रिंसीपल भेजा गया था, लेकिन अब लालपानी में ही
डेपुटेशन दिया गया है और लालपानी स्कूल में केमिस्ट्री पढ़ाने का काम भी।
इसी तरह निरुपमा गुप्ता को शिमला जिला के हलाऊ स्कूल में प्रिंसीपल लगाया
गया था, लेकिन अब निदेशालय में ही रखा है और यह लक्कड़ बाजार स्कूल में
केमिस्ट्री पढ़ाएंगी।