राज्य के सरकारी स्कूलों में पिछले कई सालों से सेवाएं दे रहे एसएमसी शिक्षक और कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए सरकार ने कैबिनेट मिनिस्टर की अध्यक्षता में चार सदस्य कमेटी गठित कर दी है, लेकिन कमेटी के गठन से
एमएमसी शिक्षक खुश नहीं हैं। कारण यह कि सरकार ने इसके लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है, जिसे शिक्षकों ने इसे लंबी अवधि बताया है। दूसरा कमेटी सरकार को जो रिपोर्ट सौंपेगी, उसमें भी यह क्लीयर नहीं है कि किन मांगों पर यह कमेटी बनी है, जबकि एसएमसी शिक्षक लंबे समय से केवल नियमितीकरण की ही मांग उठाते आ रहे हैं। ऐसे में अब इन एसएमसी शिक्षकों ने 10 जुलाई को डीसी ऑफिस से शेरे-पंजाब तक रैली निकालने की बात कही है। एसएसमी प्रदेशाध्यक्ष संगीता राजपूत का कहना है कि एसएमसी शिक्षकों के पास दूसरा विकल्प नहीं बचा है। 10 सालों से 2555 एसएमसी शिक्षक आउटसोर्स आधार पर स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। ये शिक्षक स्थायी पॉलिसी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।सहायक इंजीनियर परीक्षा पास, पर ज्वाइनिंग नहीं
तीन महीने से इंतजार कर रहे हैं आवेदक, 55 ने पास किया है पर्सनेलिटी टेस्ट
विशेष संवाददाता — शिमला
बिजली बोर्ड में बतौर सहायक इंजीनियर परीक्षा पास करने वाले आवेदकों को गत तीन माह से ज्वाइनिंग नहीं मिल पाई है। इस परीक्षा का परिणाम हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग ने 25 मार्च को घोषित किया था। इस परीक्षा के संबंध में आवेदन 16 मार्च, 2022 को मांगे गए थे। इसमें छह नवंबर को स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित किया गया और तीन मार्च को परिणाम घोषित किए गए। इस दौरान 184 आवेदकों का चयन पर्सनेल्टी टेस्ट के लिए हुआ। 15 मार्च से 24 मार्च तक पर्सनेलिटी टेस्ट लिया गया। इस टेस्ट के बाद 55 आवेदकों की अंतिम सूची सार्वजनिक की गई। इस सूची में प्रमाणपत्रों की अंतिम जांच के बाद बिजली बोर्ड में इनको नियुक्तियां दी जानी थीं, लेकिन अभी तक ये नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। इन नियुक्तियों के संबंध में फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में घूम रही है। परीक्षा में शामिल आवेदकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से चयनित आवेदकों को नियुक्यिां जल्द देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गत तीन महीने से आवेदक नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द नियुक्यिां दी जाएं।